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गोरखपुर की सीएलआईसी बैठक में वायु गुणवत्ता सुधार के लिए योजनाओं पर चर्चा करते अधिकारी |
गोरखपुर: गोरक्षनगरी को नॉन अटेनमेंट सिटी (प्रदूषण नियंत्रण के लक्ष्यों को हासिल न कर पाने वाले शहर) के दायरे से बाहर निकालने और वायु गुणवत्ता में सुधार लाने के उद्देश्य से राष्ट्रीय स्वच्छ वायु मिशन (NCAP) के तहत 49.71 करोड़ रुपये की धनराशि मिली है। सिटी लेवल इम्प्लीमेंटेशन कमेटी (CLIC) की बैठक में 77.75 करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाओं को मंजूरी दी गई, ताकि शहर में वायु प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके।
बैठक की जानकारी
नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल की अध्यक्षता में हुई सीएलआईसी की बैठक में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए वायु गुणवत्ता सुधार की वार्षिक कार्ययोजना तैयार की गई। बैठक में जिला प्रशासन, जीडीए, ट्रैफिक पुलिस, पीडब्ल्यूडी, जल निगम, सिंचाई विभाग समेत 19 विभागों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इस दौरान 77.75 करोड़ रुपये की योजनाओं को मंजूरी दी गई, जिन्हें जल्द ही प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा।
प्राप्त धनराशि का ब्योरा
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने जनवरी 2019 में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम की शुरुआत की थी। 2020 में गोरखपुर को नॉन अटेनमेंट शहरों की सूची में शामिल किया गया था, जिसके बाद नगर निगम को वायु गुणवत्ता सुधार के लिए 2021-22 में 9.69 करोड़ रुपये, 2022-23 में 27.87 करोड़ रुपये और 2023-24 में 29.36 करोड़ रुपये की धनराशि मिली थी। कुल मिलाकर गोरखपुर को अब तक 116.32 करोड़ रुपये मिले हैं, जिसमें से 57.19 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं।
वायु गुणवत्ता सुधारने हेतु कदम
नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने बताया कि वायु गुणवत्ता सुधारने के लिए पूरी गंभीरता से काम किया जा रहा है। हालांकि बुनियादी ढांचे में सुधार कार्यों के कारण कुछ चुनौतियां हैं, लेकिन शहर की हवा को स्वच्छ बनाने के लिए प्रयास तेज किए जा रहे हैं। 2024-25 की कार्ययोजना का क्रियान्वयन जल्द शुरू होगा, जिससे शहरवासियों को स्वच्छ हवा मिलेगी। इस योजना के तहत सड़क मरम्मत, हरियाली बढ़ाना, औद्योगिक इकाइयों के लिए उत्सर्जन नियंत्रण उपाय और सार्वजनिक परिवहन में सुधार जैसे विभिन्न उपाय किए जाएंगे।