घटना स्थल पर मौजूद लोगों के अनुसार, इसके पीछे स्कूल की लापरवाही और बस ड्राइवर की अनुभवहीनता का हाथ है। घटना के समय बस में ज्यादा बच्चे सवार थे, जिससे बस का बोझ बढ़ गया था। बस ड्राइवर ने बिना सोचे-समझे डंपर को ओवरटेक करने की कोशिश की, जिससे बस का बैलेंस बिगड़ गया और वह पलट गई। बस ड्राइवर को यह भी नहीं पता था कि उसके आगे एक गड्ढा है, जिसमें बस गिर गई।
लेकिन यह भी सवाल उठता है कि क्या स्कूल ने बस ड्राइवर की योग्यता और अनुभव की जांच की थी? क्या स्कूल ने बस की फिटनेस और सुरक्षा का ध्यान रखा था? इस हादसे का जिम्मेदार निजी स्कूलों की लालच और लापरवाही है, जो अनफिट बसों और अनुभवहीन चालकों का इस्तेमाल करके बच्चों की जान को खतरे में डाल रहे हैं। फीस वसूलने और अपना मुनाफा कमाने के चक्कर में बच्चों को अनफिट बसों में भर-भर कर ले जाते हैं। प्रशासन अभियान चलकर कर कार्यवाई तो करता हैं लेकिन स्कूल संचालक बाज नहीं आते। थोड़े पैसे बचने के लिए अनुभवहीन और अयोग्य चालकों को बस चलाने के लिए रखते हैं, जो बच्चों की जान को खतरे में डालते हैं।
शुक्रवार की शुबह हुए इस भयानक हादसे में सगुआ गांव निवासी सातवीं कक्षा की छात्रा प्रतिभा (14) और मठिया बारीगांव निवासी साक्षी पांडेय (8) की मृत्यु हो गई। इन दोनों बच्चों के अलावा आठ बच्चे भी घायल हो गए, जिन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायलों में से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।
घटना की जानकारी मिलते ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने सीनियर अधिकारियों को घटनास्थल पर रवाना किया। उन्होंने घायलों के समुचित इलाज के निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा है कि सभी घायल बच्चों के समुचित इलाज कराए जाएं। उनके बेहतर इलाज की व्यवस्था की जाए। इस घटना के विषय में सम्बंधित अधिकारीयों ने बयान जारी किया है।