यह गोरखपुर का चौथा विश्वविद्यालय होगा, लेकिन खास बात यह है कि इसकी नींव भी राष्ट्रपति ने रखी थी और अब इसका उद्घाटन भी राष्ट्रपति ही करेंगी। पहले इसकी नींव 28 अगस्त 2021 को तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रखी थी।
कहाँ बना है यह विश्वविद्यालय?
यह विश्वविद्यालय गोरखपुर जिले के भटहट क्षेत्र के पिपरी गांव में बना है। यह 52 एकड़ में फैला है और इसके निर्माण में 267.50 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। यह विश्वविद्यालय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का एक ड्रीम प्रोजेक्ट है।
95% निर्माण कार्य पूरा
अब तक इसका 95% निर्माण कार्य पूरा हो गया है। फैकल्टी सेंटर, कुलपति का घर और स्टाफ क्वार्टर पूरी तरह बन चुके हैं। हॉस्पिटल और छात्रों के होस्टल में कुछ छोटे काम बाकी हैं, जो अगले 10 दिनों में पूरे हो जाएंगे।
क्या है आयुष विश्वविद्यालय की खासियत?
यह विश्वविद्यालय आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी, सिद्धा, योग और प्राकृतिक चिकित्सा की पढ़ाई और इलाज के लिए बना है। इससे अब पूरे प्रदेश के सरकारी और प्राइवेट लगभग 100 आयुष कॉलेज जुड़े हुए हैं। पहले इन सभी की निगरानी अलग-अलग संस्थाएं करती थीं, लेकिन अब यह काम एक ही विश्वविद्यालय करेगा।
अब तक 1 लाख मरीजों ने लिया इलाज
15 फरवरी 2023 को मुख्यमंत्री योगी ने यहां आयुष ओपीडी की शुरुआत की थी। तब से अब तक 1 लाख से ज्यादा मरीजों ने यहां इलाज कराया है। हर दिन लगभग 300 मरीज आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी इलाज के लिए आते हैं।
रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे
इस विश्वविद्यालय से हेल्थ टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा। इसके आसपास के गांवों में रहने वाले लोग औषधीय पौधे उगाकर पैसा कमा सकेंगे। युवाओं को नौकरी मिलेगी और किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी।
राष्ट्रपति के हाथों होंगे और भी कार्यक्रम
- 30 जून को राष्ट्रपति के गोरखपुर दौरे पर और भी कार्यक्रम हो सकते हैं।
- महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में बने ऑडिटोरियम का उद्घाटन और स्टेडियम का शिलान्यास
- गोरखपुर एम्स में MBBS के पहले बैच का दीक्षांत समारोह
मुख्यमंत्री फिर कर सकते हैं निरीक्षण
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कई बार विश्वविद्यालय का निरीक्षण कर चुके हैं। उम्मीद है कि अगले गोरखपुर दौरे में वह एक बार फिर काम की प्रगति देखने आ सकते हैं।